Lahsun Ki Kheti Kese Kare : लहसुन की खेती कैसे करें, जाने कम लागत में अधिक मुनाफे वाला तरीका 

Lahsun Ki Kheti Kese Kare : किसानों के लिए लहसुन की फसल एक ऐसी फसल है, जिसकी डिमांड और कीमत हमेशा सबसे अधिक रहती है क्योंकि लहसुन का इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है। लहसुन की डिमांड हमेशा होने की वजह से किसानों को लहसुन के भाव भी अच्छे मिलते हैं। किसान लहसुन की खेती भी करते हैं लेकिन खेती करने का तरीका मालूम नहीं होने की वजह से अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं। अगर आप भी लहसुन की खेती करते हैं और कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त करना चाहते हैं तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लहसुन की खेती करने की पूरी जानकारी बताएंगे। चलिए जानते हैं लहसुन की खेती कैसे करें और लहसुन की खेती में कम लागत में अधिक मुनाफा कैसे कमा सकते हैं। ‌

लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ( Best soil For Lahsun Farming )

लहसुन की खेती की जानकारी प्राप्त करने के लिए सबसे पहले आपको लहसुन की खेती करने के लिए बेस्ट मिट्टी की जानकारी होना अनिवार्य है। देखा जाए तो लहसुन की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में कर सकते हैं लेकिन अगर आप लहसुन की खेती के लिए दोमट मिट्टी का चयन करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि दोमट मिट्टी में लहसुन की पैदावार अच्छी होती है। 

लहसुन की खेती कितने दिनों में होती हैं तैयार 

अगर आपको लहसुन की खेती करने का तरीका मालूम होगा तो आप आसानी से लहसुन की बंपर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगर आप लहसुन की खेती करते हैं तो लहसुन की फसल क्वालिटी के अनुसार 130 दिनों से लेकर 180 दिनों के बीच तैयार हो जाती है। ‌ लहसुन की खेती में मुनाफा कमाने के लिए आपको वैज्ञानिक ही तरीके से खेती करनी होगी। चलिए जानते हैं कि लहसुन की खेती करने में कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए और लहसुन की खेती में कम लागत में अधिक मुनाफा कैसे कमा सकते हैं। ‌

लहसुन की खेती के लिए पानी का निकास 

Lahsun ki Kheti Kaise Kare : लहसुन की खेती करने के लिए आपको वैज्ञानिकों की सलाह जानना जरूरी है। लहसुन की उन्नत खेती करने के लिए आपको जल निकासी बेहतर रखनी चाहिए। अगर खेत में जल भर रहेगा तो ऐसी स्थिति में लहसुन की फसल को नुकसान होने की संभावना बढ़ जाएगी। लहसुन की खेती से पहले खेत की तैयारी में आपको गोबर का खाद डालना होगा और खेत की अच्छी तरह से जुताई करनी होगी। लहसुन की बुवाई के लिए अक्टूबर और नवंबर का महीना बेहतर माना जाता है। 

लहसुन की बुवाई के समय इन बातों का रखे ध्यान 

लहसुन की खेती में बुवाई करते समय भी आपको कुछ बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है। लहसुन की लौंग को ही लहसुन के बीज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और आपको लहसुन की बुवाई के समय इस बात का ध्यान रखना अनिवार्य है कि आपको लहसुन के लौंग को 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में ही दबाना चाहिए। लहसुन की खेती में प्रत्येक लौंग की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर होनी चाहिए और प्रत्येक कतार की दूरी 20 से 25 सेंटीमीटर होना चाहिए। 

लहसुन की खेती में समय-समय पर सिंचाई का रखे ध्यान 

Lahsun ki kheti kaise kare : अपनी खेती में समय-समय पर सिंचाई करना आवश्यक है। लहसुन की अधिक पैदावार करनी है तो लहसुन की फसल में निराई-गुड़ाई का सबसे अधिक ध्यान रखना होगा ताकि खेत से खरपतवार नष्ट हो सके और लहसुन की फसल में पैदावार बढ़ सके। लहसुन की फसल से खरपतवार नष्ट करने से फसल में वायु का संचार भी बेहतर होगा, जिससे लहसुन का पौधा दमदार और पोष्टिक बनेंगे। इसके बाद जब लहसुन की फसल तैयार हो जाए और पत्तियां पीली पड़ने लग जाए तो लहसुन की कटाई शुरू कर दें और कटाई के बाद लहसुन की फसल को धूप में सूखा देना चाहिए।

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Pawan Arman पिछले 3 वर्षों से मीडिया इंडस्ट्री में कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। अपने इस फील्ड के अनुभवी लेखक होने के नाते इंडस्ट्री की हर खबर पर ये अपनी चौकन्नी नज़र रखते हैं। कई बड़ी मीडिया एजेंसी में काम करने के साथ अब अपने अनुभव को mandikerates.in पर शेयर कर रहे हैं.

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