Sarso soyabean Mandi bhav : सरसों और सोयाबीन मंडी भाव में लगातार गिरावट का माहौल बना हुआ है। इसको लेकर किसानों द्वारा लंबे समय से भाव बढ़ाने को लेकर मांग की जा रही है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सरसों और सोयाबीन मंडी भाव को लेकर सटीक जानकारी प्रदान करेंगे। भारतीय मार्केट में लगातार सरसों और सोयाबीन समेत सभी तिलहन फसलों में आ रहीं गिरावट के बाद सभी किसान संगठनों और SOPA जैसी संस्थाओं द्वारा लगातार खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाने को लेकर मांग की जा रही है। इसके चलते हाल ही में एक खबर सामने आ रही है कि सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। सरकार ने किसानों के हित में खाघ तेलो के आयात शुल्क को बढ़ाने का सुझाव दिया है ताकि किसानों को तिलहन फसलों का भाव मिल सकें। चलिए जानते हैं सरसों और सोयाबीन भाव में कितनी तेजी आ सकती है।
सरसों और सोयाबीन मंडी भाव समर्थन मूल्य से कम
Sarso Soyabean Bhav : भारतीय बाजारों में वर्तमान में सरसों और सोयाबीन के भाव में लगातार गिरावट आ रही है। बताया जा रहा है कि किसानों को सरसों और सोयाबीन के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी काम मिल रहे हैं। इसके चलते हैं सभी मंडियों में सरसों और सोयाबीन की आवक पर भी असर देखने को मिल रहा है। वर्तमान में ना ही सोयाबीन और ना ही सरसों की नई फसल मंडियों में आ रहीं हैं और फिर भी किसानों को इनके सही दाम नहीं मिल रहें हैं। आने वाले महिने में मंडियों में सोयाबीन की आवक शुरू हो जाएगी और अगर किसानों को समर्थन मूल्य से कम भाव मिलेगा तो किसानों का खर्चा भी नही निकल पाएगा। इस स्थिति के चलते किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार खाद्य तेलों के आयोजन को बढ़ने पर विचार कर रही है ताकि किसानों को सरसों और सोयाबीन समेत सभी तिलहन फसलों के अच्छे भाव मिल सकें।
खाद्य तेलों का आयात शुल्क बढ़ने से किसानों को फायदा
Sarso Soyabean Bhav : वर्तमान में सोयाबीन मंडी भाव पर नजर डाली जाए तो मध्य प्रदेश में सोयाबीन के न्यूनतम भाव 3000 रूपए प्रति क्विंटल से लेकर 4300 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं वही महाराष्ट्र में सोयाबीन के औसत भाव 4185 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य देखा जाए तो समर्थन मूल्य 4892 रूपए प्रति क्विंटल है। मूंगफली का समर्थन मूल्य 6783 रूपए प्रति क्विंटल है जों कि किसानों को वर्तमान में नहीं मिल रहे हैं। अगर इस स्थिति में सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ा दिया जाता है तो संभावना जताई जा रही है कि किसानों को सरसों के भाव ₹6500 प्रति क्विंटल और सोयाबीन के भाव ₹5000 प्रति क्विंटल तक मिल सकते हैं।
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