soyabean ka bhav : सोयाबीन के ताजा भाव पर नजर डाली जाए तो वर्तमान समय में सोयाबीन की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। देशभर की सभी मशहूर मंडियों से लेकर सोयाबीन प्लांटों में भी सोयाबीन के भाव में गिरावट दर्ज की जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए साफ नजर आ रहा है कि फिलहाल सोयाबीन की कीमतों में उछाल आने की कोई संभावना नहीं है। इसी के चलते सोयाबीन के उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के किसानों ने सोयाबीन का स्टॉक बचाकर रखा है। किसानों को सोयाबीन के भाव में तेजी का इंतजार है लेकिन यह समझ नहीं आ रहा है कि सोयाबीन को आज के समय में रोकना चाहिए या नहीं। तों चलिए जानते हैं कि आने वाले समय में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आएगी या उछाल देखने को मिलेगा। अगर आपके घर में भी सोयाबीन रखी है तो इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़े।
न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम हो गया सोयाबीन का भाव
soyabean rate today mp : वर्तमान में सोयाबीन के ताजा भाव देखे जाए तो मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी सोयाबीन की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। सोयाबीन की कीमतों में इतनी गिरावट आ गई है कि मंडियों में सोयाबीन के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम देखने को मिल रहे हैं। सोयाबीन मंडी भाव पर पिछले 1 महीने की रिपोर्ट देखी जाए तो किसानों को सोयाबीन के न्यूनतम भाव 2800 रुपए प्रति क्विंटल से लेकर अधिकतम भाव 4500 रुपए प्रति क्विंटल तक ही मिल रहे हैं वहीं 1 साल पहले की रिपोर्ट को देखा जाएगा तो किसानों को सोयाबीन के भाव 7500 रूपए प्रति क्विंटल तक मिल रहें थे। इसके चलते किसानों ने सोयाबीन के भाव बढ़ने की उम्मीद से अभी तक सोयाबीन का स्टॉक बनाए रखा है लेकिन सोयाबीन के भाव लगातार गिरते जा रहे हैं। चलिए आगे जानते हैं कि आने वाले समय में सोयाबीन की कीमतों में कितना उछाल या कितनी गिरावट देखने को मिल सकती है।
सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आने की वजह
Soyabean Mandi Bhav Today : सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आने के कई कारण बताए जा रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आने की सबसे बड़ी वजह विदेशी बाजारों में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आना और सोयाबीन का उत्पादन बढ़ना है। पिछले साल सोयाबीन के उत्पादन में कमी आने की वजह से भाव में तेजी देखने को मिली थी वहीं उत्पादन में बढ़ोतरी आने और विदेश मार्केट में गिरावट की वजह से भारतीय मार्केट में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आने लगी है। अक्टूबर महीने से नई सोयाबीन की आवश्यकता शुरू हो जाएगी और किसानों के पास पिछले साल का स्टॉक भी रखा हुआ है। इधर दूसरी और विदेशों में सोया तेल का आयात लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी वजह से सोयाबीन मिले ऊंची कीमतों पर सोयाबीन खरीदने के लिए तैयार नहीं है।
सोयाबीन की कीमतों में आगे क्या रहेगा माहौल
soyabean ka bhav 2024 : वर्तमान में सोया तेल की कीमतों पर नजर डाली जाए तो पिछले 4 सालों से सोयाबीन तेल के भाव न्यूनतम स्तर के आसपास चल रहे हैं। इसी वजह से 2022 में 7500 प्रति क्विंटल बिक रही सोयाबीन वर्तमान में ₹4500 क्विंटल ल भी नहीं बिक रही है। बांग्लादेश की स्थिति बिगड़ने की वजह से सरसों खल का निर्यात भी बाधित हुआ है। इस वजह से सरसों की कीमतों के साथ-साथ सोयाबीन की कीमतों पर भी असर देखने को मिलेगा। वर्तमान में सोयाबीन की कीमत पहले ही खराब चल रही है वहीं सोयाबीन की बुवाई भी अधिक बताई जा रही है। कुछ महीनो में सोयाबीन की नई फसल मंडियों में आना शुरू हो जाएगी। एक्सपर्ट का इस स्थिति में कहना है कि सोयाबीन की नई फसल आने से पहले सोयाबीन की कीमतों में करीब ₹300 प्रति क्विंटल अधिकतम उछाल देखने को मिल सकता है। वही सोयाबीन की आवक में बढ़ोतरी होने के बाद भाव की स्थिति सामान्य रह जाएगी।
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